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ना जाने मेरा दिल,
इतना ग़ुस्ताख़ क्यों है,
कि उससे मोहब्बत करते-करते,
उस मोहब्बत से
मोहब्बत कर बैठा॥
….मुकेश….
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ना जाने मेरा दिल,
इतना ग़ुस्ताख़ क्यों है,
कि उससे मोहब्बत करते-करते,
उस मोहब्बत से
मोहब्बत कर बैठा॥
….मुकेश….
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