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चाहत
ये चाहत!
ऐसी ही नहीं आई तुमपर,
तुम्हारी पहली मुस्कान,
मानसून की पहली बारिश की तरह थी,
जो वीरान पड़े,
इस दिल को ठंडक दे गई॥
…… मुकेश….
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ये चाहत!
ऐसी ही नहीं आई तुमपर,
तुम्हारी पहली मुस्कान,
मानसून की पहली बारिश की तरह थी,
जो वीरान पड़े,
इस दिल को ठंडक दे गई॥
…… मुकेश….
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