ना मैं तुम्हारे जीवन की,
हरी पत्ती बनना चाहता हूँ,
ना ही ख़ुशबूदार फूल और
ना ही मीठा फल।
मैं तुम्हारे जीवन में,
काँटें की जगह चाहता हूँ,
अंतिम सांस तक तुम्हें,
साथ देना चाहता हूँ॥
…..मुकेश…..
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