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अकेला हूँ ज़िन्दगी के सफर में
कितने सपने हैं मेरी नजर में।
आते है सलामती पाने को
कुछ हादसे हैं उनकी ख़बर में ।
सोया है तन्हा सागर अभी
देखो हैं राज़ इसकी लहर में ।
किसी से दुनिया ने की वफा
क्यों है लोग इसके असर में ।
यकीन के लायक नही कोई
शक सा हैं हर नजर में।
ख़फा-ख़फा है लोग यहां
क्या हादसे हैं मेरे शहर में ।
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