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हादसे मेरे शहर में

Mukesh BissaMukesh Bissa June 16, 2020
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अकेला हूँ ज़िन्दगी के सफर में

कितने सपने हैं मेरी नजर में।


आते है सलामती पाने को

कुछ हादसे हैं उनकी ख़बर में ।


सोया है तन्हा सागर अभी

देखो हैं राज़ इसकी लहर में ।


 किसी से दुनिया ने की वफा

क्यों है लोग इसके असर में ।


यकीन के लायक नही कोई

शक सा हैं हर नजर में।


 ख़फा-ख़फा है लोग यहां

 क्या हादसे हैं मेरे शहर में ।

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