Share0 Bookmarks 47144 Reads0 Likes
बस इतना चाहती हूँ
की मेरि कोशिशो क़ि तुम कद्र करो
बस इतना चाहती हूँ
की जब मैं टूटने लागु, तुम मेरी फ़िक्र करो
माना औरो जैसी नहीं मैं, माना कमिया है मुझमे
ज़िम्मेदारी निभाती हूँ सारी
पर कभ
की मेरि कोशिशो क़ि तुम कद्र करो
बस इतना चाहती हूँ
की जब मैं टूटने लागु, तुम मेरी फ़िक्र करो
माना औरो जैसी नहीं मैं, माना कमिया है मुझमे
ज़िम्मेदारी निभाती हूँ सारी
पर कभ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments