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बस इतना चाहती हूँ
की मेरि कोशिशो क़ि तुम कद्र करो
बस इतना चाहती हूँ
की जब मैं टूटने लागु, तुम मेरी फ़िक्र करो
माना औरो जैसी नहीं मैं, माना कमिया है मुझमे
ज़िम्मेदारी निभाती हूँ सारी
पर कभ
की मेरि कोशिशो क़ि तुम कद्र करो
बस इतना चाहती हूँ
की जब मैं टूटने लागु, तुम मेरी फ़िक्र करो
माना औरो जैसी नहीं मैं, माना कमिया है मुझमे
ज़िम्मेदारी निभाती हूँ सारी
पर कभ
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