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एक लम्हा ही काफ़ी है
जो तेरे संग गुजरे
फिर चाहे ताउम्र
ये आंखें तेरा इंतज़ार करें
और हमें लंबी उम्र की
कोई आरज़ू नहीं
खुदा करे बस वो एक लम्हा ही
सदियों में गुजरे
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एक लम्हा ही काफ़ी है
जो तेरे संग गुजरे
फिर चाहे ताउम्र
ये आंखें तेरा इंतज़ार करें
और हमें लंबी उम्र की
कोई आरज़ू नहीं
खुदा करे बस वो एक लम्हा ही
सदियों में गुजरे
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