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हमारे घरों के बीच भले कुछ दूरी है,
मगर चाहत उससे पूरी है।
उसका मेरे घर आना जाना है,
कभी काम तो कभी बहाना है।
हमारा बचपन साथ में बीता है,
अब वो मेरे हाथ की चाय भी पीता है।
हमारे रिश्ते का कोई नाम नहीं,
लेकिन एहसास ये आम नहीं।
पता लगा तो समाज इसे गलत कहेगा,
लेकिन दिल तेरी जुदाई कैसे सहेगा।
ऐसा नहीं कि हमारी बात नहीं मिलती,
मगर क्या करें, हमारी ज़ात नहीं मिलती।।
_©_ मोनिका शर्मा
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