
Share0 Bookmarks 116 Reads1 Likes
आदि अंत मुझ में नहीं
मुझ में युग और कल्प न
भूत भविष्य वर्तमान की
मुझ में न कोई कल्पना
कोई कामना मुझ में नहीं
विचारों का अवकास हूं
बुद्धि से तोलो नहीं
मैं वस्तु कुछ खास हूं
भूल अप
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments