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तेरे राह में बैठा रहा देर तक। श्रीफ एक दीदार के लिए। ना आई मुलाकात केलिए। मैं ल्लोट आया अपने घर को। आ नहीं वह मुलाकात के लिए . नहीं आना है तो कहो हवासे वह चले जाए.क्यो तरपता है.मेरे प्यारे केलिए..शायर आलम पारोरी
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