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सच ने किस का साथ कब तक दिया है
सो हमने भी झूठ अपना लिया है
हमने ढाए जुर्म जो मुफ़लिसों पर
उनका बदला क़ब्र ने ले लिया है
रोज़-ए-महशर देख कर गोशवारा
हमने हिस्से में जहन्नम लिया है
वो जो उ
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