ग़ज़ल's image
Share0 Bookmarks 44090 Reads4 Likes

तिश्नगी थी मुलाक़ात की,

उस से हाँ मैंने फिर बात की।


दुश्मनी मेरी अब मौत से,

ज़िंदगी हाथ पे हाथ की।


सादगी उसकी देखा हूँ मैं,

हाँ वो लड़की है देहात की।


तुमने वादा किया था कभी,

याद है बात वो रात की।


अब म

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts