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हमारी कहानी का वह बेदर्द हिस्सा
जब दिल दिमाग से युद्ध कर बैठा था
और जब युद्ध दिल दिमाग
के बीच हो तो बेशक
मसला इश्क का होगा
हर कहानी की तरह
इश्क की दास्तां हमारा
दिल भी रचने लगा था
हलचल सी मचने लगी थी
उसमें किसी अजनबी को देखकर
जब दस्तक दिल में इश्क ने दी
तो रातों की नींद छिनने लगी थी
बेवजह मुस्कुराने की वजह मिल गई थी
उस शख्स के इश्क में डूबी
आंखें हजारों ख्वाब देखने लगी थी
बहक उठा था दिल
केवल उसी को पाने की ज़िद कर बैठा था
लेकिन दिमाग को कहा
दिल का मसला समझ आने वाला था
नादान पागल न जाने क्या-क्या हमारी
मोहब्बत को नाम देने लगा था
दिल उसकी छवि बुनने लगा था
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