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तुम प्रेम हो मेरी

mkumar jureshiyamkumar jureshiya September 15, 2021
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तुम प्रेम हो मेरी,

हो संगिनी प्यारी।

तुम बिन अधूरा तेरा साथी,

अधूरा मेरा सपना सुंदर।

हो आंखों की चमक चांदनी,

तुम सरल स्पंदन हृदय तरंगिनी।


मै बहता पानी,

तुम मीठी झील सुहानी।

हु मैं तुमसे वक्त रवानी,

खोना चाहु तुमसे अपनी,

हर जिंदगी जवानी ढलती कहानी।


ओ प्रेम प्रिए,

मेरी पूरी कहानी।

एक डाल में जैसे हम दो,

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