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इंतज़ार में बैठी है प्यार तेरे

mkumar jureshiyamkumar jureshiya September 15, 2021
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फूल हो गुलाबी रंगत,

सब कहते कागज फूल तुम्हे।

गर्मी जब अपनी तेज पकड़े,

तुम खिलते हो हस्ते बड़े।


आ तुझे तोड़ लूं,

बना लूं मैं तुम्हे गुलदस्ता।

तू प्रेम मेरी समझा देना,

उसको मेरी सुना देना 

दिल की दास्तां।


एक बात बता कैसे करू मैं,

कैसे रहूं मैं।

कैसे सुनाऊं दिल की धड़कन..

एक बात बता कैसे मिलूं मै।

लगता ऐसे है जैसे अरसा बीत गया हो,

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