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फूल हो गुलाबी रंगत,
सब कहते कागज फूल तुम्हे।
गर्मी जब अपनी तेज पकड़े,
तुम खिलते हो हस्ते बड़े।
आ तुझे तोड़ लूं,
बना लूं मैं तुम्हे गुलदस्ता।
तू प्रेम मेरी समझा देना,
उसको मेरी सुना देना
दिल की दास्तां।
एक बात बता कैसे करू मैं,
कैसे रहूं मैं।
कैसे सुनाऊं दिल की धड़कन..
एक बात बता कैसे मिलूं मै।
लगता ऐसे है जैसे अरसा बीत गया हो,
उनके कंधे पर सर रखे।
बीत गया जमाना गले लगाए,
कैसे समझाऊं इस नादान दिल को।
उनको भी दूर नहीं है रहना तुमसे,
बस जाना पड़ा है कुछ दिनों के लिए।
अभी तो हवा में भी जहर घुला है..
इंसानों की जात को किसी की नजर लगा है।
संदेश लेजा गुलाबी रंगत,
तू खिले जैसे तपती गर्मी में।
मेरे यार को भी बता देना,
हस्ते रहे मुस्कुराते रहे।
मुझसे जल्दी मिलने को आए❤️
इंतजार में बैठी है प्यार तेरे
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