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इंसाफ हुआ है
हां, इंसाफ तो हुआ
इंसाफ फ़क़त उन्हीं का हुआ
जो फांसी मांग रहे थे
जो चीखी-चिल्लाई
जो बेहसी जानवरो की
प्यास बुझाते-बुझाते कुर्बान हो गई
उस से तो पूछा ही नही
जो इंसाफ हुआ है
वो सही हुआ है
या कुछ और बाकी है
उसकी चीख मैंने नही सुनी
लेकिन सड़कों पर जो सदाएं जगी है
घर की नन्ही सदाएं जो कह रही है
ये वो इंसाफ नहीं है
जो मुझे चाहिए
ये तो एक व्यवहार हुआ है
जो गलत है, उसके साथ भी गलत होगा
क्यों यही है ना व्यवहार
लेकिन इंसाफ तो व्यवस्था का परिवर्तन चाहता है
जो इंसाफ में हुआ ही नही
फिर मैं कैसे कह दूं
हां, आज इंसाफ हुआ है
दो तारीखों में मेरा ब्लात्कार और सही
लेकिन तुम आज इंसाफ होने दो
ताकि आज के बाद ऐसा ब्लात्कार फिर ना
ऐसा व्यवहार फिर ना हो
ऐसी व्यवस्था फिर ना हो
ऐसी खामोशी फिर ना हो
ऐसी तारीख फिर ना हो
आज तुम सिर्फ इंसाफ होने दो
#राही23
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