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नारी तुम अबला नहीं हो"

NishaNisha November 28, 2022
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करुणा कि सागर को धार बना के

तुम भी लहरों सी हुंकार भरो।

अबला नहीं हो तुम नारी

इस बात का अभिमान करो।

 

दिखाए कोई आंख अगर तो

न तुम सहम सी जाना।

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