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कोशिश कभी अंत नहीं होता
ख़ुद को समझना,
इतना मुश्किल भी नहीं होता
ख़ुद की समीक्षा बगैर,
उलझन का हल नहीं मिलता
बदनामी से क्यों ड़रते हो!
इज्ज़त कमाके,
दौलत नहीं बनता
(जाने कब से इंतजार में हूँ, ना जाने किसके प्यार में हूँ !)
#अतुलकीकलमसे✍️
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