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क्या मुबारक है समां
क्या मुबारक है समां
ज़र्रा ज़र्रा है लगे आज यहां मिस्ले जेनां
आज़ादी का जश्न मनाओ
घर पे तिरंगा भी फहराओ
आज के दिन आज़ादी मिली थी
सारी दुनिया को ये बताओ
वज्द ओ मस्ती में मगन आज है ये हिडोस्तां
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई
जां की बाज़ी सबने लगाई
क्यों करते हो तेरा मेरा
हिंदोस्तां है सबका!भाई
आओ मिल जुल के रहें पहले के जैसे ही यहां
क्या मुबारक है समां क्या मुबारक है समां
दुश्मन जितने भी हैं हमारे
हो जाएं होशियार वो सारे
उलझें न भूले से वरना
दिखला देंगे दिन में तारे
फिर सदा ढूंढते रह जायेंगे वो अपना निशां
#महताब अकबरी
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