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तुम छोड़ चले इस महफिल को,
बन गये कितने बेगाने,
करे भरोसा अब हम,
किस पर अब हम इतबार करे,
जिनको अपना हाथ दिया,
छोड़ चल दिये महफ़िल से परे,
अपने कैसे बन जाते लालच में अनजाने,
तुम छोड़ चले इस महफिल को,
बन गये इतने बेगाने ।
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