टूटे सपने's image
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अपनों के दबाव में मजबूर हुई,

मेरे हर सपनो पर पड़ गया पर्दा,

बंधनों के बंधन में बधकर मजबूर हुई,

जिसे साहिल समझा उसने ही मेरे,

सपनो पर पत्थर मारा

मै गमों टूटकर चूर -चूर हुई।

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