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चारों धाम की पावन धरती,
हर इंसान के मन में बसती,
पूजा अर्चन और दर्शन से,
भक्तों का जो दुख हरती,
उस पावन धरती की छाया,
देख भक्तों का मन हर्षाया
ईश्वर का है रूप अनेक
कर्ता दुःख हर्ता विध्वंस का सरमाया,
उसके हर न्याय मे नीहित ,
भविष्य की एक सुंदर छाया।
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