समर्पण's image
Share0 Bookmarks 31730 Reads0 Likes

वर्षा की बूंदें करती है अठखेलियां,

इनसे निकलती है स्वरलहरियां

धरती पर मिलकर बनती जलधारा,

इठलाती बलखाती चलती मिलने सहेलियां।


नदियों से मिलने को आतुर जलधारा ,

इनसे म

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts