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एक फूल तोड़ने को हाथ ज्यों बढ़ाया,
फूल मुस्करा कर बोला,
मुझको कहां चढ़ाओगे,
मंदिर में चढ़ाओगे तो जीवन सफल होगा मेरा,
ईश्वर के पैरो की शोभा बन जाऊंगा,
शहीद के स्मारक पर मुझे रख दोगे तो,
शहीद बनकर मै भी मुस्कराऊगा,
इस लिए कहता हूं, मुझे तोड़ने से पहले
ए बता दो मुझे कहां चढ़ना है,
किसकी शोभा बनना है ।
मैंने कहा,
तुमको मै ईश्वर के गले का हार बनाऊंगा
लाखों भक्
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