मोहन की मीरा's image
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मोहन के लिए मीरा बाई"

कैसे काबू करे हम इस पर,

मन चंचल बौराये,

पागल बन भटके बन-बन

कहीं ना चैना पाये,

मनवां चंचल हो गया,

जब से मिलें दो नैना,

खो गया मन का चैना ,

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