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राम करते रूदन नीर भरे है नयन,
हाय हो हाय लक्ष्मण प्यारा
उठो प्यारे लक्ष्मण बोलो भइया जरा,
मेरी तरफ आंख खोलो जरा,
यह कैसा समय का घेरा चारों तरफ है अधेरा,
अब बताओ कहां मै जाऊं,
अयोध्या में मुंह कैसे दिखाऊं,
जब कि पूछेंगी मइया कहा,
लक्ष्मण भइया दुलरा,
फटता जाता कलेजा हमारा
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