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खुशी और गम*
मिलना , बिछड़ना, हंसना,रोना ,
जीवन का ऐसा संगम है
कभी खुशियों मिले कभी गम भी मिले,
जीवन एक ऐसा सरगम है,
इंसान जब पैदा होता है
सब कुछ उसको मिल जाता है
रिश्तों नातों के बंधन में
बंधकर जीवन संवर जाता है
ममता के आंचल की छाया में
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