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एक बार आ जाओ ना,
मेरी उलझन को सुलझाओ ना,
आप से ही उम्मीद लगाए बैठी हूं
एक बार आ जाओ ना,
मेरी उलझन को सुलझाओ ना
आप है सबके मालिक,
जगत विधाता आप है,
जीव जंतु सब प्राणी के
पालन कर्ता आप है,
विनती करते सभी आप से,
विघ्न हर्ता आआप है,
एक बार हम दुखियों का,
दुख हर्ता बन जाओ ना,
सुख -दुख के आप है दाता,
सबके आप है भाग्य विधाता,
फिर हमको है क्यों तरसाता,
हमारे विनती को ठुकराओ ना
एक बार आओ ना ।
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