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*बदलते रिश्ते*
किसी के दिल में क्या है,
समझ पाना बड़ा मुश्किल,
ना जाने किस घड़ी में,
फितरत बदल जाये,
अपना भी कब धोखा दे दे ,
कह पाना बड़ा मुश्किल,
जहां विश्वास है वही ,
विश्वास घात है,
किसी के जज्बात को,
पढ़ पाना बड़ा मुश्किल,
बदल जाये कब नीयत,
जो अपने साथ होता हैं,
जमाना बन गया सौदागर,
नफा नुकसान का अवसर,
पलट जाये कब रिश्ता,
समझ पाना बड़ा मुश्किल,
एक वक्त ऐसा था ,
जब दोस्ती मिशाल थी,
अब नहीं कुछ ऐसा खास,
बस अवसर की चाल थी,
एक दूसरे के दिल में,
उतर जाना बड़ा मुश्किल#
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