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मां की कलेजा बेटी,
पापा की प्यारी,
ससुराल वाले एक दिन आकर,
ब्याह ले जाते है बराती,
संस्कारों में बंध कर पापाजी
करते है बेटी की बिदाई।
बहू आयी घर की लक्ष्मी,
यह कहकर सासू मां बुलाती,
जब महीने बीते दो चार,
ताने सुनने पड़े हजार,
कभी दहेज का ताना,
कभी दूसरे की लड़की
नहीं तो बड़ी सजा देकर करते हैं जदाई,
मां बाप रो -रोकर देते हैं दुहाई
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