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बेटियों की त्रासदी

मेरे दिल से USHAमेरे दिल से USHA March 22, 2023
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नई आशाएं नई उम्मीदें लेकर आयी ,

अंजाने आंगन में एक मजबूर बाप की बेटी,

शौहर फंसे परिवार समाज के मीठे शब्द की साजो में,

बेटी बिकी दुशासन की हाथों में।

जिस आंगन में शकुनि का प्यार छलकता हो ,

वहां महाभारत होना जरूरी है,

छल लो जितना छलना चाहो,

मेरी भी कुछ मज़बूरी है,

पर छलने से मै मिट ना सकूंगी,

किसी दमदार बाप की बेटी हूं।

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