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मां बाप के घर स्वछंद थी अकेले में,
आ पड़ गयी कैसे झमेले मे,
कोई खुश कोई आंख दिखाए,
मन बार - बार रोए अकेले में,
ओ बंदा शूट बूट चढ़ाये
सुबह जाए घर रात को आये
कहने पर मेरी बात ना समझे,
कितनी जिम्मेदारी बताए अकेले में
पड़ गयी कैसे झमेले में।
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