
Share0 Bookmarks 52 Reads0 Likes
*अपना घर *
बड़ी दूर है मंजिल,
बस चलते जाना है,
आशाएं है दिल में,
कदम बढ़ते हैं हरदम,
भूखे प्यासे हैं फिर भी,
बस बढ़ते जाना है,
बड़ी दूर है मंजिल,
बस घर जाना है,
हम चले निश्चय कर,
अपना घर है बस आश्रय,
परदेश में जीना है मुश्किल,
बेकारी में रहना है मुश्किल,
अब ना काम रहा ना दाम,
झेलना पड़ता है अपमान,
चल दिए घर की ओर,
बड़ी दूर है मंजिल बस,
चलते जाना है#
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments