पीताम्बर

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पीताम्बर *******

Meena SoodMeena Sood March 11, 2023
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कुछ ऐसा हो ये बसंत 
हर्षित मन हो, पुलकित हृदय 
खुशियां मिलें अनन्त 
कुछ ऐसा हो....

ऐसा हो मौसम का फेरा 
फूलों का पहना हो सेहरा 
अलियों-कलियों के मधुर प्रणय में 
जीवन हो खुशियों का डेरा

खिले-खिले हों सबके चेहरे 
हो दुःखों का अन्त 
कुछ ऐसा हो.....

खेतों में सरसों यूँ खड़ी हो 
धरती ज्यूँ सोने में मढ़ी हो 
मखमली दुशाला ओढ़े 
हर सू फूलों से कढ़ी हो

देखें धरा को तो लगे है ऐसा 
पीताम्बर ओढ़ा हो अनंत 
कुछ ऐसा हो.....

भीनी-भीनी ख़ुश्बू से 
बौराई-सी चले पवन 
मीठा सा इक गीत सुन 
बहती जाये सनन-सनन

मन वीणा जो सुप्त पड़ी थी 
फिर हो जाये जीवंत 
कुछ ऐसा हो....

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