Share0 Bookmarks 31034 Reads1 Likes
कुछ ऐसा हो ये बसंत
हर्षित मन हो, पुलकित हृदय
खुशियां मिलें अनन्त
कुछ ऐसा हो....
ऐसा हो मौसम का फेरा
फूलों का पहना हो सेहरा
अलियों-कलियों के मधुर प्रणय में
जीवन हो खुशियों का डेरा
खिले-खिले हों सबके चेहरे
हो दुःखों का अन्त
कुछ ऐसा हो.....
खेतों में सरसों यूँ खड़ी हो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments