
Share0 Bookmarks 65 Reads0 Likes
जीना सिखाए जा रहा है – हिंदी कविता
दिन-बदिन,
तेरी आदत मुझको लगाए जा रहा है।
तुझे पाया नहीं अबतक,
तुझे खोने का डर सताए जा रहा है।
मेरे हाथों से छीनकर,
अपने हिसाब से जिंदगी चलाए
No posts
No posts
No posts
No posts
जीना सिखाए जा रहा है – हिंदी कविता
दिन-बदिन,
तेरी आदत मुझको लगाए जा रहा है।
तुझे पाया नहीं अबतक,
तुझे खोने का डर सताए जा रहा है।
मेरे हाथों से छीनकर,
अपने हिसाब से जिंदगी चलाए
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments