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Independence Day: ख़ुशियों के गीत गाओ कि पंद्रह अगस्त है-मफ़तूं कोटवी
August 16, 2022Share0 Bookmarks 43467 Reads0 Likes
ख़ुशियों के गीत गाओ कि पंद्रह अगस्त है
सब मिल के मुस्कुराओ कि पंद्रह अगस्त है
हर सम्त क़हक़हे हैं चराग़ाँ है हर तरफ़
तुम ख़ुद भी जगमगाओ कि पंद्रह अगस्त है
हर गोशा-ए-वतन को निखारो सँवार दो
महकाओ लहलहाओ कि पंद्रह अगस्त है
आज़ादी-ए-वतन पे हुए हैं कई निसार
ख़ातिर में इन को लाओ कि पंद्रह अगस्त है
रक्खो न सिर्फ़ ख़ंदा-ए-गुल हैं निगाह में
काँटों को भी हँसाओ कि पंद्रह अगस्त है
रूहें अमान-ओ-अम्न की प्यासी हैं आज भी
प्यास इन की अब बुझाओ कि पंद्रह अगस्त है
शम्अ' ख़ुलूस-ओ-उन्स की मद्धम है रौशनी
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