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आख़री बार यहां
हम दोस्त मिलें है,
काश कोई गड़बड़ी न हो।
शिकवे-शिकायत बहुत से होंगे,
पर कोई नाराज़गी न हो।।
अक्सर बातें खुल कर किया करते थे,
पर आज कुछ बातें दिल मे दफन है।
चश्म पे नमी है ,
और पोछने को सारे दोस्त साथ है।।
लेकिन
खुशी इस बात की है
कुछ अच्छी यादें ले जा रहे
खुशी इस बात की है
कुछ अच्छे दोस्त बना के जा रहे है।
कल वो न होंगे ,
हम एक साथ न होंगे।
कुछ यादें कुछ लम्हें ,
सोच कर रोया करेंगे।
याद है तुमसब को
टांगे खींचा करते थे अक्सर
एक
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