रौशनी आई!'s image
Share1 Bookmarks 257542 Reads1 Likes

अँधेरी जिन्दगी में जब तुम्हारी रौशनी आई

हमारे ख़ुश्क होटों पर तो जैसे चाशनी आई


न जाने कब की चौपट हो चुकी थी दिल की फुलवारी

तिरे आने से गुल आए गुलों पर चाँदनी आई


किसी ने बीच रस्ते में हमारा हाथ छोड़ा था

तभी हमको बचाने हाथ में ये लेखनी आई 


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts