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अँधेरी जिन्दगी में जब तुम्हारी रौशनी आई
हमारे ख़ुश्क होटों पर तो जैसे चाशनी आई
न जाने कब की चौपट हो चुकी थी दिल की फुलवारी
तिरे आने से गुल आए गुलों पर चाँदनी आई
किसी ने बीच रस्ते में हमारा हाथ छोड़ा था
तभी हमको बचाने हाथ में ये लेखनी आई
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