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जलते इंसा चीख रहे थे बगावत थी सब ओर

मारूफ आलममारूफ आलम September 11, 2021
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जिस्म थे नुमाइश थी दिखावट थी सब ओर

असल चीज गायब थी बनावट थी सब और


खानदान ही खानदान के खून का प्यासा था

रोजी रोटी के झगड़े थे अदावत थी सब ओर


उकसाए थे लोग आकर शैतानों की टोली ने

जलते इंसा चीख रहे थे बगाव

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