दबी हुई हैं कई तहरीरें हमारी बस्तर के थानों मे's image
Poetry1 min read

दबी हुई हैं कई तहरीरें हमारी बस्तर के थानों मे

मारूफ आलममारूफ आलम March 31, 2022
Share0 Bookmarks 48076 Reads1 Likes

दबी हुई हैं कई तहरीरें हमारी बस्तर के थानों मे

लाशें मांग रही हैं इंसाफ गली सड़ी बयाबानों मे


आदिवासी हैं हम सदियों से बाशिंदे हैं जंगल के

फुर्सत मिले तो कभी खंगालना हमे दास्तानों मे


न हाकिम ने सुनी,न सुनी जमाने ने,और तो और

उंगली देकर बैठा रहा कानून भी अपने कानों मे


एक लौं को तरस रहें हैं सदि

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts