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लफ्ज़ चुभते हैं,जुबान काटती है
क्या कहें,किससे कहें,और क्यों कहें
ये हुकूमत भी अमीरों के तलवे चाटती है
जनजाति का एक तगमा देकर
बड़ी चालाकी से चकमा देकर
हुकूमत आदिवासियों को बांटती है
क्या कहें,किससे कहें,और क्यों कहें
ये हुकूमत भी अमीरों के तलवे चाटती है
सिमट के रह गए हैं आज समाज मे हम
कभी थे बहुत बड़ी तादाद मे हम
दुनियाँ भर मे राज हमारे थे
जंगलों मे वास हमारे थे
ये टीस हमे चुभती है ये बात हमे काटती है
क्या कहें,किससे कहें,और क्यों कहें
ये हुकूमत भी अमीरों के तलवे चाटती है
मारूफ आलम
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