
Share0 Bookmarks 57 Reads0 Likes
वो तुम्हें धितकारते हैं ऐसे
जैसे कि तुम काफिर हो कोई
जैसे ये वतन तुम्हारा ना हो
जैसे कि तुम मुहाज़िर हो कोई
उन्हें नफरत है तुम्हारे रंग रूप से
वो जलते हैं तुम्हारे वजूद से
तुम्हारे साथ करते हैं क्रूरता का व्यवहार
तुम्हारे ख़ूनपसीने का होता है व्यापार
वो तुम्हें हांकते हैं ऐसे
जैसे कि तुम जानवर हो कोई
जंगल काटकर गोदाम
वो भरते हैं
और भरपाई आप लोग करते हैं<
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments