चमड़े तक उधेड़ दिये's image
Poetry1 min read

चमड़े तक उधेड़ दिये

मारूफ आलममारूफ आलम November 20, 2021
Share0 Bookmarks 217193 Reads0 Likes

जंगल पर राज करने वाले लोग

जंगल से खदेड़ दिये

तुमने सिर्फ इज्जतें ही नही लूटीं

चमड़े तक उधेड़ दिये

और इतने पर भी जुल्म तुम्हारे खत्म नही हुए

तुम और खूंखार होकर आए

आदम खोर की तरह,ताकि खा सको

हमारी देह को,ताकि बाकी ना रहे<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts