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ज़िंदा रहने तक बोलेंगे
सच ही मेरे लब बोलेंगे
कड़वा भी सुनना होगा
सुनो हम जब-जब बोलेंगे
झूठ तुम्हारा सारी दुनिया को
अपने तरीके से बतलायेंगे
तुमसे गिनवाएँगे सारी गुठली
हम आम बैठकर खाएंगे
तुम राजा नहीं हो नौकर हो
औकात तुम्हारी दिखाएंगे
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