सूखे दरख्त की छांव में's image
Poetry1 min read

सूखे दरख्त की छांव में

KAVI MANOJ PRAVEENKAVI MANOJ PRAVEEN May 29, 2022
Share0 Bookmarks 48068 Reads1 Likes
इन सूखे दरख्त की छांव में
अब कोई पंथी ना रुकता
इन तरुवर की डालो पर
पंछी भी कलरव ना करता

हर पथिक को शीतल छाया दी
जब थका हुआ सा वह लगता
जो दौड़ा-दौड़ा आता था
वह धूप और बारिश से बचता

हरियाली अपनी खोते ही
अपनों में गैरों सा दिखता

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts