जो संघर्षो के आदि है
 Jo sangharsho ke Aadi hai's image
Poetry1 min read

जो संघर्षो के आदि है Jo sangharsho ke Aadi hai

KAVI MANOJ PRAVEENKAVI MANOJ PRAVEEN February 1, 2022
0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
जो संघर्षों के आदी हैं , 
नहीं परिणाम से डरते।
लहरें चीर कर के भी, समुंदर पार वो करते।।
किनारो से ही जो पूछे 
सागर की गहराई। 
समंदर क्या वो दरिया भी कभी ना पार कर सकते।

आजादी के सपनों ने 
ली है लाखों की कुर्बानी
ये धरती है भगत सिंह की यहां लाखों है बलिदानी।
बहा कर खून का दरिया बढाया मान वीरों का
लगा दी जान की बाजी 
थी वो झांसी की एक रानी।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts