ज़र्द पत्ते's image
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नित नवरंग में जन्मती है जिंदगी

पैदाइश से कोई बदरंग नहीं होता

वक्त की धूप ने छीने सब्ज़ रंग सभी

कुदरत से कोई पत्ता ज़र्द नहीं होता

मुमकिन है उड़ाले जाएं आँधियां इन्हें

मर्ज़ी से कोई शाख से जुदा नहीं होता।


मं शर्मा (रज़ा)

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