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जीवन की शाम है
सफर तमाम है
मुझ बिन कैसे रहोगी
मन में तूफान है
किसके शानों पर
सिर रखोगी
किस तरह मेरी
<
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जीवन की शाम है
सफर तमाम है
मुझ बिन कैसे रहोगी
मन में तूफान है
किसके शानों पर
सिर रखोगी
किस तरह मेरी
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