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ना ख्वाबों में कोई आए
ना नींदें हीं अब छकाती
ज़ख्म भर गए हैं शायद
अब कोई याद नहीं सताती
उसको याद कर कर के
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ना ख्वाबों में कोई आए
ना नींदें हीं अब छकाती
ज़ख्म भर गए हैं शायद
अब कोई याद नहीं सताती
उसको याद कर कर के
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