
Share0 Bookmarks 12 Reads0 Likes
सूरत ढलती गई
सीरत खिलती गई
नज़र धुंधलाती गई
नज़रिया निखरता गया
उम्र घटती गई
तजुर्बा बढ़ता गया ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
सूरत ढलती गई
सीरत खिलती गई
नज़र धुंधलाती गई
नज़रिया निखरता गया
उम्र घटती गई
तजुर्बा बढ़ता गया ।
मं शर्मा (रज़ा)
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments