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नज़र आसमाँ पर सही
पाँव ज़मीं पर रखा कर
आसमाँ पाँव नहीं रखने देता
लौट आए परिंदे ऊँची उड़ानों वाले।
मं शर्मा (रज़ा)
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पाँव ज़मीं पर रखा कर
आसमाँ पाँव नहीं रखने देता
लौट आए परिंदे ऊँची उड़ानों वाले।
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